उत्तराखंड के सभी प्रमुख आयोग | All Important Commissions of Uttarakhand in Hindi

राज्य के नागरिकों के पास उनके अधिकारों की रक्षा हो और उन्हें न्याय मिले। मानवाधिकारों की रक्षा से लेकर सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी तक

उत्तराखंड के सभी प्रमुख आयोग (All Important Commissions of Uttarakhand)

देश में गठित राज्य आयोग विभिन्न मुद्दों से निपटने के लिए जिम्मेदार हैं। वे यह सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किए गए हैं कि राज्य के नागरिकों के पास उनके अधिकारों की रक्षा हो और उन्हें न्याय मिले। मानवाधिकारों की रक्षा से लेकर सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी तक, उनके कार्य एक आयोग से दूसरे आयोग में भिन्न होते हैं।

All commissions of Uttarakhand

यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य सरकार सुचारू रूप से कार्य करे, राज्य में विभिन्न आयोगों का गठन किया जाता है। इन आयोगों में योजना आयोग, राज्य वित्त आयोग, राज्य चुनाव आयोग, विधि आयोग, महिला आयोग और प्रवासन आयोग आदि विभिन्न आयोग इस ब्लॉग में शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक आयोग की स्थापना, उनके अध्यक्ष और कार्य हैं जो राज्य सरकार के कामकाज के लिए आवश्यक हैं।

योजना आयोग राज्य में आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएं तैयार करने के लिए जिम्मेदार है। राज्य वित्त आयोग स्थानीय निकायों को कराधान और सहायता अनुदान जैसे वित्त से संबंधित मामलों को देखता है। राज्य चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हों। विधि आयोग कानूनी सुधारों पर सिफारिशें प्रदान करता है जबकि महिला आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करता है। अंत में, प्रवासन आयोग राज्य के भीतर या बाहर प्रवासन से संबंधित मामलों को देखता है।

उत्तराखंड राज्य योजना आयोग

गठन –21 मार्च 2001

मुख्यालय– देहरादून

प्रथम अध्यक्ष –नित्यानंद स्वामी

प्रथम उपाध्यक्ष– भारत सिंह रावत 

इसका अध्यक्ष प्रत्येक राज्य का मुख्यमंत्री होता है।

राज्य योजना आयोग का कार्य

राज्य के विभिन्न प्रकार के संसाधनों (भौतिक, वित्तीय एवं जनशक्ति) का अनुमान लगाना तथा राज्य के समावेशी विकास में इसके सर्वोत्तम उपयोग के बारे में सुझाव देना । राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में बाधक कारणों को इंगित करना, योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु उसका समाधान ढूंढ़ना तथा उपयुक्त सुझाव प्रदान करना है।

उत्तराखंड राज्य वित्त आयोग

प्रथम अध्यक्ष– आर के दर

वर्तमान अध्यक्ष –इंदु कुमार पांडे

वर्तमान में 5 वां वित्त आयोग कार्यरत है ।

राज्य वित्त आयोग के कार्य

राज्य में विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों को राज्य के समेकित निधि से धन का आवंटन करना। वित्तीय मुद्दों के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करना। केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की गई धनराशि का उपयोग करना।

उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग

स्थापना –30 मई 2001

प्रथम अध्यक्ष –दुर्गेश जोशी 

वर्तमान अध्यक्ष –चंद्रशेखर भारत

राज्य निर्वाचन आयोग के कार्य

यह निकाय राज्य में लोकसभा, राज्‍यसभा, राज्‍य विधानसभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनु‍च्छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्र‍तिनिधित्व व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है।

उत्तराखंड विधि आयोग 

प्रथम अध्यक्ष –धर्मवीर शर्मा 

वर्तमान अध्यक्ष –राजेश टंडन

उत्तराखंड विधि आयोग का कार्य

इनका कार्य राज्य विधि में सुधार करना, अर्थात किसी न्यायप्रणाली में कानूनों की स्थिति की समीक्षा करना तथा कानूनों में परिवर्तन सुझाना है।

उत्तराखंड राज्य मानवाधिकार आयोग

स्थापना –जुलाई 2011

कार्य करना शुरू –30 मई 2013

प्रथम अध्यक्ष –विजेंद्र जैन 

वर्तमान अध्यक्ष– विजय कुमार बिष्ट

उत्तराखंड राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्य

संविधान की राज्य सूची एवं समवर्ती सूची के अंतर्गत आने वाले विषयों से संबंधित मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करना अथवा किसी लोक सेवक के समक्ष प्रस्तुत मानवाधिकार उल्लंघन की प्रार्थना, जिसकी कि वह अवहेलना करता हो, की जांच स्व-प्ररेणा या न्यायालय के आदेश से करना है।

उत्तराखंड महिला आयोग 

स्थापना– 13 मई 2013 

प्रथम अध्यक्ष –संतोष चौहान

वर्तमान अध्यक्ष– कुसुम कंडवाल 

वर्तमान उपाध्यक्ष–  शायरा बानो

उत्तराखंड महिला आयोग के कार्य

इसका उद्देश्य महिलाओं की संवैधानिक और क़ानूनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना, उनके लिये विधायी सुझावों की सिफारिश करना, उनकी शिकायतों का निवारण करना तथा महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों में सरकार को सलाह देना है।

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग

स्थापना– 10 मई 2011 

प्रथम –अध्यक्ष अजय सेतिया

वर्तमान– अध्यक्ष उषा नेगी

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्य

इसमें केन्द्र और राज्य स्तर पर बाल अधिकार संरक्षण गठित करने का प्रावधान है। जिसमें देश में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण, सुरक्षा, प्रोत्साहन एवं विकास के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग एक वैद्यानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया। इस अधिनियम में 18 वर्ष से कम आयु के मानव को बच्चों की परिभाषा में रखा गया है।

उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति आयोग

प्रथम– अध्यक्ष नारायण राम आर्य 

वर्तमान अध्यक्ष – मूरत राम

उत्तराखंड एससी एसटी आयोग के कार्य

संविधान के तहत एससी को प्रदान किये गए सुरक्षा उपायों के संबंध में सभी मुद्दों की निगरानी और जांँच करना है। एससी को उनके अधिकार और सुरक्षा उपायों से वंचित करने से संबंधित शिकायतों के मामले में पूछताछ करना।अनुसूचित जातियों से संबंधित सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाओं पर केंद्र या राज्य सरकारों को सलाह देना है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(यूकेसीएसएससी)

स्थापना –17 सितंबर 2014

प्रथम अध्यक्ष –आर बी एस रावत

वर्तमान अध्यक्ष–उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कार्य

यूकेसीएसएससी का मुख्य उद्देश्य राज्य के विभिन्न सरकारी कार्यालयों या विभागों के अंतर्गत अधिनस्थ सेवा या समूह ग के रिक्त पदों पर बेरोजगार योग्य युवकों व युवतियों को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए चयन प्रक्रिया प्रणाली द्वारा विभिन्न विभागों को भरना है।

उत्तराखंड मुख्य सूचना आयुक्त

प्रथम सूचना आयुक्त - आर एस टोलिया 

वर्तमान – अर्जुन सिंह

उत्तराखंड मुख्य सूचना आयुक्त का कार्य

मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा सभी लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों कि वे सूचना आवेदन पत्रों / प्रथम अपीलों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना है।

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक 

प्रथम– अशोक कांत  शरण 

वर्तमान –अशोक कुमार

उत्तराखंड महिला पुलिस महानिदेशक– कंचन चौधरी भट्टाचार्य(देश में पहली )

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक का कार्य

राज्य के सभी क्षेत्रों के पुलिस प्रशासन के कार्यों को सुचारू रूप से संचालन करना। और राज्य में अपराधिक घटनाएं को कम करना, राज्य के लोगो के सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार होना है।

राज्य उपभोक्ता आयोग

प्रथम अध्यक्ष –के  डी शाही

वर्तमान अध्यक्ष–  जे एस त्रिपाठी

राज्य उपभोक्ता आयोग के कार्य

यह आयोग सामाजिक-आर्थिक कानून के इतिहास में एक मील का पत्थर है, जिसके दो उद्देश्य हैं, पहला, उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना और दूसरा, उनकी शिकायतों का त्वरित, सस्ता और न्यायपूर्ण समाधान प्रदान करना। इस अधिनियम की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता त्रि-स्तरीय अर्ध-न्यायिक तंत्र की स्थापना का प्रावधान है।

राज्य सेवा का अधिकार आयोग 

स्थापना –13 मार्च 2013 

वर्तमान अध्यक्ष –आलोक कुमार जैन

नोट –राज्य विधानसभा द्वारा सेवा का अधिकार कानून 2011 में बनाया गया।

उत्तराखंड खादी उद्योग बोर्ड

गठन– 17 अगस्त 2002 

मुख्यालय– देहरादून 

अध्यक्ष –मुख्यमंत्री

उपाध्यक्ष –देवेंद्र बिष्ट

उत्तराखंड खादी उद्योग बोर्ड का कार्य

प्रदेश में खादी तथा ग्रामोद्योगों का आयोजन, उनका संगठन विकास एवं विधिनियम करना तथा अपने द्वारा बनाई गई योजनाओं का क्रियान्वयन करना। खादी के उत्पादों एवं अन्य ग्रामोद्योगों में लगे हुये अथवा उसमें अभिरूचि रखने वाले व्यक्तियों के प्रशिक्षण की योजना तैयार कर कुटीर उद्योगों की स्थापना कर रोजगार उपलब्ध कराना है।

उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग

स्थापना –27 मई 2003

अल्पसंख्यक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष –आर के जैन

उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के कार्य

उत्तराखण्ड में अल्पसंख्यकों के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना है।संविधान और राज्य विधान सभा द्वारा पारित अधिनियमों/विधियों में उपबन्धित अल्पसंख्यकों से संबंधित रक्षोपायों के कार्यकरण का अनुश्रवण करना है।

उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग 

स्थापना– 20 मई 2003 

वर्तमान अध्यक्ष– कुंदन लाल सक्सेना

उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्य 

आयोग अनुसूची में किसी वर्ग के नागरिकों को पिछड़े वर्ग के रूप में सम्मिलित किये जाने के अनुरोधों का परीक्षण करेगा और अनुसूची में किसी पिछड़े वर्ग के गलत सम्मिलित किये जाने या सम्मिलित न किये जाने की शिकायतें सुनेगा और राज्य सरकार को ऐसी सलाह देगा, जैसी वह उचित समझे।

राज्य किसान आयोग किसान

स्थापना– 9 अक्टूबर 2016

प्रथम अध्यक्ष– चौधरी राजेंद्र सिंह 

वर्तमान अध्यक्ष– राकेश राजपूत

राज्य किसान आयोग किसान के कार्य

उत्तराखण्ड की कृषि के वर्तमान स्तर पर समय-समय पर समीक्षा करना,विभिन्न कृषि जलवायु पर्वतीय उपखण्डों की परिस्थितियों में विभिन्न श्रेणी के कृषकों की क्षमताओं एवं कमजोरियों को उपखण्ड़ों की परिस्थितियों में विभिन्न श्रेणी के कृषकों की क्षमताओं एवं कमजोरियों को वरीयता देते हुए उत्तराखण्ड में सतत् एवं समान विकास के लिए वृहत रणनीति तैयार करना, उन कारणों का विश्लेषण करना, जिससे किसानों की खेती से आय में कमी आयी है तथा कृषकों की आय में वृद्धि के लिए बाजारोन्मुखी फसल विविधिकरण, उन्नत बाजार व्यवस्था, सरल एवं नियमित मूल्य सम्वर्द्धन तथा कृषि प्रसंस्करण आदि के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए तरीके सुझाना, राज्य के प्रमुख खेती प्रणाली की उत्पादकता, लाभ, स्थिरता को बढ़ाने के लिए, कृषि परिस्थितिकी एवं कृषि जलवायु पहुंच एवं प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखते हुए तरीके सुझाना,एक व्यवहारिक एवं संगत फसल (उद्यान को सम्मिलित करते हुए) पशुधन,मत्स्य को एकीकृत करने हेतु सुझाव देना, ये सभी काम इस आयोग के अंतर्गत आते है।

उत्तराखंड पलायन निवारण आयोग 

स्थापना –2017 

अध्यक्ष –मुख्यमंत्री

उपाध्यक्ष –शरद सिंह नेगी

मुख्य आयकर आयुक्त– प्रमोद कुमार गुप्ता 

विद्युत नियामक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष –सुभाष कुमार है।

उत्तराखंड पलायन निवारण आयोग के कार्य

यह आयोग अवगत कराता है कि ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा पलायन रोकने तथा इस हेतु राज्य स्तर पर पलायन प्रभावित गांवों के लिए ठोस कार्य योजना तैयार किये जाने हेतु मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना प्रारम्भ की जा रही है। इससे गांव में हो रहे पलायन के कारणों को पता लगाना और इनके लिए कार्य योजना बनाना इस आयोग का मुख्य काम है।इसका नया नाम पलायन निवारण आयोग रखा गया है।

एक टिप्पणी भेजें

Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.