उत्तराखंड के कुल मंडल (Division's of Uttarakhand)
आज के इस ब्लॉग में हम उत्तराखंड के दो मंडलों, उनके स्थापना वर्ष , मुख्यालय, उत्तराखंड के 95 ब्लॉक और 110 तहसील के बारे में जानेंगे और साथ ही उत्तराखंड में कब भू राजस्व विभाग और आरटीआई (RTI) की स्थापना के बारे में भी जानेंगे। उत्तराखंड में कुल 2 मंडल हैं- कुमाऊं मंडल और गढवाल मंडल। इन दोनों मंडलों में कुल 13 जिले है। जिसमें से 6 जिले कुमाऊं मण्डल में तथा 7 जिले गढ़वाल मंडल में आते है।
1- कुमाऊं मंडल(Kumaun Mondal)
- कुमाऊं मंडल की स्थापना 1854 में की गई।
- कुमाऊं मंडल विकास निगम की स्थापना 1966 में की गयी थी।
- इसका मुख्यालय नैनीताल में है।
- इसके अंतर्गत 6 जिले अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, उ सि न व नैनीताल आते हैं।
2- गढ़वाल मंडल(Garhwal Mondal)
- गढ़वाल मंडल की स्थापना 1969 में की गयी।
- गढ़वाल मंडल विकास निगम की स्थापना 1976 में की गयी।
- गढ़वाल मण्डल के जन्मदाता गोपाल रेड्डी (उत्तरप्रदेश के तत्कालीन गवर्नर) थे।
- इसका मुख्यालय पौड़ी में हैं।
- इसके अंतर्गत 7 जिले चमोली, उत्तरकाशी, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, टिहरी व रूद्रप्रयाग आते हैं।
उत्तराखंड के जिले(Districts of Uttarakhand)
- जिला- स्थापना- मुख्यालय- क्षेत्रफल (वर्ग किमी)
- देहरादून - 1817- देहरादून- 3088km
- पौड़ी- 1839- पौड़ी- 5329
- अल्मोड़ा- 1891- अल्मोड़ा- 3139
- नैनीताल- 1891- नैनीताल- 4251
- टिहरी- 1 अगस्त 1949- नई टिहरी- 3642
- पिथौरागढ़- 24 फरवरी 1960- पिथौरागढ़ - 7090
- उत्तरकाशी- 24 फरवरी 1960- उत्तरकाशी- 8016
- चमोली- 24 फरवरी 1960- गोपेश्वर- 8030
- हरिद्वार- 28 दिसंबर 1988- हरिद्वार- 2360
- ऊधम सिंह नगर- 26 दिसंबर 1995- रूद्रपुर- 2542
- रूद्रप्रयाग- 18 सितंबर 1997- रूद्रप्रयाग- 1984
- चंपावत - 15 सितंबर 1997- चंपावत- 1766
- बागेश्वर- 18 सितंबर 1997- बागेश्वर- 2246
1815 ई में कुमाऊं पर अंग्रेजों ने अधिकार कर कुमाऊं जनपद का गठन किया। अंग्रेजी शासन के आरंभ में उत्तराखंड में केवल दो राजनीतिक प्रशासनिक ईकाईयां कुमाऊं जनपद व टिहरी गढ़वाल थी। 1891 में कुमाऊं को अल्मोड़ा व नैनीताल दो जिलों में बांट दिया गया। स्वतंत्रता के बाद 1 अगस्त 1949 को टिहरी रियासत को कुमाऊं मंडल के चौथे जनपद के रूप में सम्मिलित किया गया। वर्ष 1960 में टिहरी से उत्तरकाशी, पौड़ी से चमोली व अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ अलग करके नए जिले बनाए गये थे। 1975 में देहरादून को मेरठ मंडल से हटाकर गढ़वाल मंडल में शामिल किया गया था।
उत्तराखंड राज्य के ब्लॉक (Blocks of Uttarakhand)
उत्तराखंड राज्य में कुल 95 ब्लॉक है। जो इस प्रकार से है।- 1. पौड़ी गढवाल (15)- थैलीसैंड, कल्जीखाल, पौड़ी, पाबौ, कोट, लैंसडाउन, दुगड्डा, बीरोंखाल, रिखड़ीखाल, द्वारीखाल, यमकेश्वर, पोखड़ा, नैनीडांडा, खिरसू, पणाखेत
- 2. अल्मोड़ा(11)- स्याल्दे, चौखुटिया, भिक्यासैंण, ताड़ीखेत, सल्ट, द्वाराहाट, लमगड़ा, धौलादेवी, हवालबाग,ताकुला, भैंसियाछाना
- 3. टिहरी गढ़वाल (10) - टिहरी, प्रतापनगर, चंबा, जौनपुर, नरेन्द्रनगर, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, घनसाली, जाखड़ीधार, धौलधार
- 4. नैनीताल(08)-हल्द्वानी, रामनगर, भीमताल, रामगढ़, कोटाबाग, बेतालघाट, धारी, ओखलकांडा
- 5. पिथौरागढ़ (08)- मुनस्यारी, धारचूला, बेरीनाग, डीडीहाट, कनालीछीना, गंगोलीहाट, मूनाकोट, पिथौरागढ़
- 6. चमोली(08)- जोशीमठ, दशौली, घाट, कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, थराली, देवाल, गैरसैंण
- 7. ऊधम सिंह नगर (07)- जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रूद्रपुर, सितारगंज, खटीमा
- 8. उत्तरकाशी (06)- मोरी, पुरोला, नौगांव, डुंडा, चिन्यालीसैंड़, भटवाड़ी
- 9. देहरादून(06)- रायपुर, डोईवाला, विकासनगर, चकराता, कालसी, सहसपुर
- 10. हरिद्वार(06)- रूड़की, भगवानपुर, नारसन, बहादराबाद, लक्सर, खानपुर
- 11. चंपावत(04)- चंपावत, लोहाघाट, बाराकोट, पाटी
- 12. रूद्रप्रयाग(03)- उखीमठ, अगस्त्यमुनि, जखोली
- 13. बागेश्वर(03)- बागेश्वर, कपकोट, गरूड़
- नोट- राज्य में विकास प्राधिकरणों की संख्या 6 है।
उत्तराखंड राज्य की तहसीलें(Tehsils of Uttarakhand)
उत्तराखंड राज्य में 110 तहसीलें है जो इस प्रकार से है - 1-पिथौरागढ़(13)- पिथौरागढ़, मुन्स्यारी, धारचुला, डीडीहाट, गंगोलीहाट, बेरीनाग, बंगापानी, गणाई गंगोली, देवस्थल, कनालीछीना, थल, तेजम, पांखू
- 2-अल्मोड़ा(12)- अल्मोड़ा, रानीखेत, भिकियासैंण, सल्ट, चौखुटिया, सोमेश्वर द्वाराहाट, भनौली, जैंती, स्याल्दे, धौलाछीना, लमगड़ा
- 3-चमोली(12)- चमोली, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, थराली, पोखरी, गैरसैंण, नन्दानगर (घाट), जिलासु,
- आदिबद्री, नन्दप्रयाग, नारायणबगड़, देवाल
- 4-पौढ़ी(12)- पौढ़ी, श्रीनगर, थलीसैंण, कोटद्वार, धूमाकोट, लैंसडाउन, यमकेश्वर, चौबट्टाखाल,
- सतपुली, चाकीसैंण, जाखड़ीखाल, विरोंखाल
- 5-टिहरी(12)- टिहरी, प्रतापनगर, नरेन्द्रनगर, देवप्रयाग, घनसाली, जाखड़ीधार, धनौल्टी, कंडीसैंण,गजा, नैनबाग, कीर्तिनगर, बालगंगा
- 6-नैनीताल(09)- नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, धारी, कुश्याकुटौली, कालाढुंगी, बेलालघाट, लालकुंआ, खन्स्यूं (ओखलकाण्डा)
- 7-देहरादून (07)- चकराता, देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेष, त्यूणी, कालसी, डोईवाला
- 8-ऊधमसिंह नगर (08)- काशीपुर, किच्छा, खटीमा, सितारगंज, बाजपुर, जसपुर, गदरपुर, रूद्रपुर
- 9-उत्तरकाशी(06)- डुण्डा, भटवाड़ी, पुरोला, बड़कोट, मोरी, चिल्यानीसौंण
- 10-बागेश्वर(06)- बागेश्वर, कपकोट, गरूड़, काण्डा, दुगनाकुरी, काफलीगैर
- 11-चम्पावत(05)- चम्पावत, पाटी, पूर्णागिरी, लोहाघाट, बाराकोट
- 12-रूद्रप्रयाग(04)- रूद्रप्रयाग, ऊखीमठ, जखोली, वसुकेदार
- 13-हरिद्वार(04) - हरिद्वार, लश्कर, रूड़की, भगवानपुर
उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था(Police Revenue System in Uttarakhand)
- 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेज उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों में सिविल पुलिस व्यवस्था लागू करना चाहते थे।
- लेकिन कुमाऊँ के तत्कालीन कमिश्नर रैम्जे ने राज्य की जनता को सीधा सादा बताते हुये राजस्व पुलिस
- व्यवस्था को बनाए रखने की सिफारिश की थी।
- राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था 1874 से लागू है।
- वर्तमान में राज्य के 61 प्रतिशत भाग पर यह व्यवस्था लागू है।
- अंग्रेजी शासनकाल में कुमाऊँ में 19 परगने और 125 पट्टियां थे।जबकि गढवाल में 11 परगने व 86 पट्टियां थी।
- नोट- राज्य में कुल पुलिस स्टेशन 155 हैं। सर्वाधिक पुलिस थाने देहरादून में 55 व सबसे कम पुलिस थाने रूद्रप्रयाग में 6 हैं।
- राज्य का प्रथम साइबर थाना देहरादून में है जिसकी स्थापना 25 मार्च 2015 को की गयी थी।
- राज्य का दूसरा साइबर थाना व कुमाऊँ का प्रथम साइबर थाना रूद्रपुर में 01 जनवरी 2021 को स्थापित किया गया।
उत्तराखंड में आरटीआई की शुरुआत(Right to Information Act in Uttarakhand)
- देश में सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। जबकि उत्तराखंड में 3 अक्टूबर 2005 को ही राज्य सूचना आयोग का गठन कर मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति कर दी।
- राज्य के प्रथम सूचना आयुक्त-आर एस टोलिया
- वर्तमान सूचना आयुक्त - अर्जुन सिंह